Passenger Vehicles Sales in FY25: FY2025 में पैसेंजर कार की मांग घटी, उसपर आये अलग अलग कंपनियों के बयान: Tata Motors के बाद आया इनका बयान

Passenger Vehicles Sales in FY25: यह वास्तविकता में एक सामान्य प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता पसंद के परिणाम हो सकता है। लोग अब अधिक संवेदनशीलता के साथ गाड़ियों को चला रहे हैं, और छोटे वाहनों में सहारा कम होने का अनुभव कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, वेटिंग पीरियड के वजह से, लोग साइकिल, स्कूटर और अन्य options की ओर भी ध्यान दे रहे हैं, जो शहरी क्षेत्रों में उनकी जरूरत को पूरा करने के लिए अधिक अनुकूल हो सकते हैं।

Passenger Vehicles Sales in FY25
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Passenger Vehicles Sales in FY25: इस स्थिति में, कार कंपनियों को अपने प्रोडक्शन को अपडेट करने और उनकी बेहतर सुविधाओं का प्रचार करने की जरूरत हो सकती है। उन्हें सुरक्षा, सहजता, और अनुकूलता पर ध्यान देना होगा। अन्य साधनों के साथ कारों को इस संवेदनशील वातावरण के लिए अनुकूल बनाने का प्रयास करना उनके लिए जरूरी हो सकता है।

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उन्हें अपने मार्केटिंग strategy में भी बदलाव करने की जरूरत हो सकती है, जिसमें उन्हें उत्पादों की विशेषताओं को लोगों के सामने विस्तृत रूप से बताने और ग्राहकों को इसके फायदे के बारे में जागरूक करने की कोशिश करनी होगी। (Passenger Vehicles Sales in FY25)

समयसमय पर उत्पादों का अपडेट और नए विकल्प प्रदान करके, कार कंपनियां उपभोक्ताओं के बदलते आवश्यकताओं को पूरा कर सकती हैं और इस प्रकार अपनी सेल्स को बढ़ा सकती हैं।

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Passenger Vehicles Sales in FY25: यद्यपि पहले लगाये गए अंदाज इंसानी कमजोरीयों के साथ आते हैं, ताजगी के साथ आने वाले आंकड़ों को लेकर आपको यहां उत्पन्न संदेह का सामना करना होगा कि वास्तविक इकोनोमिकल group कैसे प्रतिक्रिया करेंगे।

लेकिन, यह संभावना है कि FY2024-25 में पैसेंजर व्हीकल की मांग में कुछ गिरावट हो सकती है, जिसकी असली वजह छोटे साइज़ की कारों में लोगों की कम मांग और वेटिंग पीरियड के बढ़ने की वजह से सेल्स में धीमी गति हो गई है। (Passenger Vehicles Sales in FY25)

हालांकि, एक्सपोर्ट्स में एक उम्मीदवारी का अनुमान दर्ज किया जा रहा है, जो इकोनोमिक year 2025 में चार से सात फीसदी के बीच हो सकती है। यह ज्यादातर कंपनियों के लिए एक राहत का इशारा हो सकता है, लेकिन यह भी निर्भर करेगा कि वित्तीय वर्ष के दौरान आंतरिक और बाहरी बाजारों में किस प्रकार की परिस्थितियाँ बनी हों। (Passenger Vehicles Sales in FY25)

अगर यह स्थिति बनी रही, तो उत्पादकों को अपनी strategy को समीक्षा करने और उत्पादों में अपग्रेड करने की आवश्यकता हो सकती है, साथ ही अतिरिक्त मार्केटिंग और प्रचार के माध्यमों का उपयोग करके उत्पादों को बाजार में बेहतर ढंग से लोगों के सामने होगा।

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3 से 6% ग्रोथ:

एक अंदाज़ के मुताबिक, अंदाज़े के आधार पर दिखता है कि पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में बढौतरी के दर में कमी हो सकती है, जो कि पिछले साल की तुलना में कम है। इसकी ख़ास वजह छोटे साइज़ की कारों में बाजार की कमी और वेटिंग पीरियड की बढौतरी हो सकती है, जो ग्राहकों की मांग पर असर कर सकती है। (Passenger Vehicles Sales in FY25)

इस संकेत के अनुसार, कार निर्माताओं को उत्पादकता को बनाए रखने के लिए संभावित बदलते बाजार के साथ समझौता करने की जरूरत हो सकती है, ताकि वे बाजार में स्थिरता बनाए रख सकें। उन्हें वाहन उत्पादों के सुधार और नए options की स्टडी करने के लिए तैयार रहना चाहिए, जिससे कि वे ग्राहकों के बदलती जरूरतों को पूरा कर सकें। (Passenger Vehicles Sales in FY25)

मॉडरेट ग्रोथ पीछे:

यह साफ़ है कि अगले वित्त वर्ष में पैसेंजर व्हीकल की सेल्स में ग्रोथ कम होने के कई कारण हो सकते हैं।

  1. हाई बेस का असर: FY24 में उच्च आधार के कारों की मांग बढ़ी थी, लेकिन अगले वर्ष में यह असर कम हो सकता है। यह बदलाव हाई और मिडल सेगमेंट की ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है।

  2. एंट्रीलेवल कार की मांग में गिरावट: एंट्रीलेवल कार की मांग में कमी का अंदाज होना, जो मुख्य रूप से बजटमूल्य सेगमेंट को प्रभावित कर सकता है।

  3. डीलरशिप इन्वेंटरी: डीलरशिपों में 55-58 दिनों की इन्वेंटरी होना सेल्स पर असर कर सकता है, क्योंकि इससे उन्हें अधिक उत्पाद खरीदने की आवश्यकता हो सकती है। अधिक इन्वेंटरी भी उत्पाद के दामों को कम कर सकती है, जो ग्राहकों की खरीदारी पर असर डाल सकता है।

यह सभी कारण मिलकर पैसेंजर व्हीकल की सेल्स में गिरावट का कारण बन सकते हैं। उत्पादकों को इन तबादलों का सामना करने और सही रणनीतियों को पढ़ने की आवश्यकता होगी ताकि वे बाजार में स्थिरता बनाए रख सकें। (Passenger Vehicles Sales in FY25)

कंपनियों का बयान:


यह बात साफ़ है कि ऑटो सेक्टर में पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में कम ग्रोथ के कई कारण हैं। Tata Motors जैसी कंपनियों के बयान से स्पष्ट होता है कि यहां एक स्थिति है जहां ग्रोथ की संभावना घट रही है, लेकिन EV वाहनों की बिक्री में बधुतरी की उम्मीद है।

यह संकेत देता है कि उत्पादकों को अपनी रणनीति को समायोजित करने की आवश्यकता हो सकती है। वे अपने उत्पादों में तकनीकी और परिचालनीय सुधार करके ग्राहकों की मांग को पूरा करने और बदलते बाजार की आवश्यकताओं का ध्यान रखकर उचित स्थिति में रह सकते हैं।

विशेष रूप से, EV सेगमेंट में वृद्धि की उम्मीद के साथ, ऑटोमोबाइल कंपनियों को आनेवाले वक़्त में इस सेगमेंट में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी। EV तकनीक के विकास में और भी अधिक निवेश करने के साथसाथ, उन्हें EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में सक्रिय भूमिका लेने की आवश्यकता होगी। (Passenger Vehicles Sales in FY25)

 

इन बयानों से यह साफ़ होता है कि बहुत सारी ऑटोमोबाइल कंपनियाँ अपने अपेक्षाओं के साथ बाजार के विभिन्न सेगमेंट्स में बढौतरी की उम्मीद रख रही हैं:

  1. Maruti Suzuki: इसके अनुसार, स्मॉल कार सेगमेंट में मांग में बढ़ोतरी के लिए 2-3 साल का समय लगेगा।

  2. Mahindra & Mahindra (M&M): M&M का कहना है कि उन्हें उनकी SUV सेगमेंट में 14-18% की ग्रोथ की उम्मीद है, जो कि एक बड़े प्रमुख बदलाव की अपडेट देता है।

  3. Society of Indian Automobile Manufacturers (SIAM): SIAM के अनुसार, FY25 में SUV सेगमेंट की 10-12% की ग्रोथ की उम्मीद है, जो एक असली विकास का संकेत है।

  4. Hyundai Motors: Hyundai Motors ने भी पूर्वानुमान किया है कि PV सेगमेंट में लो सिंगल डिजिट की ग्रोथ की उम्मीद है।

ये सभी बयान बताते हैं कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कंपनियों के अनुसार विभिन्न सेगमेंट्स में बढौतरी की उम्मीद है, जिसमें SUV सेगमेंट का ख़ास ध्यान है। यह भी दिखाता है कि उत्पादक कंपनियों ने बाजार की चुनौतियों और मांग के परिवर्तनों को ध्यान में रखा है और उनके अनुसार अपनी रणनीति तैयार की है। (Passenger Vehicles Sales in FY25)

The Hindu में भी आप यह खबर https://www.thehindu.com/life-and-style/motoring/kia-carens-mpv-recalled-over-airbag-issue/article65979065.ece इस लिंक पर जाकर अंग्रेजी में पढ़ सकते हैं।

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