1’st Auto In-plant Railway Siding Project: मारुती सुजुकी (Maruti Suzuki) के इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री ने हरी झंडी दिखाई है। इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने विडियो कॉन्फरंसिंग के जरिये किया है। (First Auto In-plant Railway Siding Project)
1’st Auto In-plant Railway Siding Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का पहला ऑटोमोबाइल इन–प्लांट रेलवे साइडिंग प्रोजेक्ट का शुभारंभ कर दिया है, जो कि गुजरात के हंसलपुर में मारुति सुजुकी के प्लांट में हुआ है। इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये से किया। इसमें मारुति सुजुकी के प्लांट के लिए ऑटोमोबाइल रेलवे साइडिंग का निर्माण होगा, जिससे ऑटोमोबाइल लोड/अनलोड करने में आसानी होगी। (1’st Auto In-plant Railway Siding Project)
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मंगलवार, 12 मार्च 2024 को गुजरात का दौरा करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने एक 8500 करोड़ रुपए के रेलवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास भी किया। इस प्रोजेक्ट में 10 नई वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) को भी हरी झंडी दिखाना शामिल है। यह स्थानीय और राष्ट्रीय सफ़र के लिए महत्वपूर्ण कदम है जो भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
साझेदारी:
मारुति सुजुकी का इन–प्लांट रेलवे साइडिंग प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री मोदी के ‘गति शक्ति मिशन‘ के तहत शुरू किया गया है, जिसकी लागत 976 करोड़ रुपए है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य ऑटोमोबाइल लोडिंग और अनलोडिंग की व्यवस्था को आसान बनाना है, जिससे ऑटोमोबाइलों का लोडिंग और अनलोडिंग तेजी से और आसानी से हो सके। इस प्रोजेक्ट को इंडियन रेलवे और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड की पार्टनरशिप के साथ तैयार किया गया है, जो कि यहाँ की औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
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यह प्रोजेक्ट भारतीय औद्योगिक सेक्टर में और ज्यादा investment और नौकरियों की सृजनता के नजरिये से महत्वपूर्ण है, और यह भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने में मदद करेगा। (1’st Auto In-plant Railway Siding Project)
मारुति के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर राहुल भारती ने बताया कि, यह भारत में पहली बार है जब किसी ऑटोमोबाइल कंपनी के लिए इन–प्लांट रेलवे साइडिंग तैयार किया गया है, और इसकी संभावना ‘गति शक्ति प्रोग्राम‘ के तहत ही हुई है। इस परियोजना को ‘बहुचराजी रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BRCL- बीआरसीएल) ने विकसित किया है और इसमें गुजरात रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (GRIDE), गुजरात औद्योगिक विकास निगम (GIDC), और एमएसआईएल के साथ 49 प्रतिशत और 29 प्रतिशत के साझेदारी के रूप में शामिल है।
यह प्रोजेक्ट ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक ख़ास कदम है, जो उत्पादन और लॉजिस्टिक्स को सुगम बनाने में मदद करेगा। इसके माध्यम से औद्योगिक विकास में भी जरूरी बदलाव आएंगे और यह भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। (1’st Auto In-plant Railway Siding Project)
डिस्पैच क्षमता में वृद्धि पर ज़ोर:
राहुल भारती ने बताया कि यह (1’st Auto In-plant Railway Siding Project) प्रोजेक्ट मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) के लिए वार्षिक 50,000 ट्रक यात्राओं को खत्म कर देती है, जो एक बहुत बड़ा बदलाव हो सकता है। इसके अलावा, ऑटोमोबाइल प्रमुख रेलवे द्वारा तैयार कार के डिस्पैच को अब 26 प्रतिशत से बढ़ाकर अपनी पूर्ण क्षमता पर 40 प्रतिशत सालाना करने का प्लान बना रही है। यह योजना लोजिस्टिक्स को आसान बनाने में मदद करेगी और प्रोडक्शन की प्रक्रिया को तेजी से और ज्यादा अपडेटेड बनाएगी। (1’st Auto In-plant Railway Siding Project)
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से समान अनुसंधान और विकसित कार्यक्रमों को भी बढ़ावा मिलेगा, जो भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में नई नई तकनीकों और उत्पादों का प्रोडक्शन करेंगे। इससे उत्पादक ज्यादा विकसित और उत्कृष्ट उत्पादों की पेशकश कर सकते हैं, जिससे उनकी एक्सपेक्टेशन बढ़ेगी।
यह प्रोजेक्ट एक महत्वपूर्ण योजना है जो 50,000 ट्रक यात्राओं में हर साल ट्रकों में उपयोग होने वाले 35 मिलियन लीटर ईंधन की बचत करेगी और हर साल लगभग 1,650 टन कार्बन उत्सर्जन में कटौती भी करेगी। एक ट्रक की औसत ट्रिप 1600 किमी की होती है, तो एक ट्रेन ऐसे 40 ट्रक को रिप्लेस कर देगी। इससे पर्यावरण के तरफ ध्यान बढ़ाने के साथ–साथ लॉजिस्टिक्स की नजरिये से भी बड़ा ही ख़ास सुधार होगा। (1’st Auto In-plant Railway Siding Project)
सड़क से रेल की तरफ बढ़ते हुए यह प्रोजेक्ट भारतीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम है। रेलवे के इस्तेमाल से ट्रांसपोर्ट को ज्यादा तेज, सुरक्षित, और पर्यावरणीय बनाने में मदद मिलेगी। इससे सामान की समय पर डिलीवरी में भी सुधार होगा और उद्योग को भी लाभ मिलेगा। (1’st Auto In-plant Railway Siding Project)
3 लाख का लक्ष्य:
मारुति सुजुकी ने भारत में एक नए प्रकार के प्रोजेक्ट की शुरुआत की है, जिसमें रेलवे साइडिंग के जरिये ऑटोमोबाइलों को ट्रांसपोर्ट किया जा रहा है। इस साइडिंग की कैपेसिटी 3 लाख कार हर साल की है और मौजूदा 800 कार की पार्किंग कैपेसिटी को 3000 कारों तक बढ़ाने का प्लान है। फरवरी 2024 तक, मारुति ने रेलवे के जरिये कुल 18 लाख कार को डिस्पैच किया है, जिसमें इस वित्त वर्ष में 4.09 लाख कार यूनिट्स शामिल हैं। यह इनोवेटिव प्रोसेस वाहनों के परिवहन में बड़ा बदलाव लाने में मदद करेगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन में भी कटौती होगी। (1’st Auto In-plant Railway Siding Project)
मारुती सुजुकी की ऑफिसियल वेबसाइट https://www.marutisuzuki.com/corporate/media/press-releases/2024/march/honourable-prime-minister-of-india-12-march2024 इस पर भी आप इस खबर के बारे में पढ़ सकते हैं।