Toll Tax Rules 2024: सरकार सैटेलाइट बेस्ड टोल टैक्स (Toll Tax Rules 2024) को शुरू करने की सोच रही है, जिसमें टोल नाकों को हटा दिया जाएगा और वाहन चालकों को केवल उनकी यात्रा की दूरी के आधार पर ही टोल टैक्स देना होगा। यह नया प्रणाली ट्रैफिक को अधिक आसान और अधिक सुरक्षित बनाने का प्रयास है, साथ ही टोल कलेक्शन की प्रक्रिया को भी सरल और अधिक अनुकूल बनाने का उद्देश्य है। इसके माध्यम से, वाहन चालकों को टोल टैक्स के भुगतान के लिए प्रदान किए जाने वाले सुविधाजनक विकल्पों की प्राथमिकता दी जा रही है, जो यात्रा को ज्यादा सरल और सुगम बनाए रखेगा।
Toll Tax Rules 2024: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले भारत सरकार ‘उपग्रह आधारित पथकर प्रणाली‘, यानी Satellite based toll tax को शुरू करने की संभावना देख रही है। इस योजना के तहत, टोल नाके हटा दिए जाएंगे और वाहन चालकों को उस दूरी के हिसाब से ही टोल टैक्स देना होगा, जितनी दूर वह वाहन चलते हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने राज्यसभा के प्रश्नकाल के दौरान इस जानकारी को साझा किया।
ऐसे काम करेगा यह सिस्टीम
सरकार ने टोल टैक्स (Toll Tax Rules 2024) के लिए विश्वस्तर प्रौद्योगिकी सैटेलाइट बेस्ड टोल टैक्स की शुरुआत के लिए प्रयास किया है। इस नई व्यवस्था के अनुसार, टोल नाकों को हटा दिया जाएगा और वाहन चालकों को कहीं भी रुकने की जरूरत नहीं होगी। वाहनों की नंबर प्लेट की फोटो ली जाएगी और केवल वाहन की यात्रा की आधारिक दूरी के अनुसार ही टोल टैक्स का भुगतान किया जाएगा। इस toll tax की राशि को वाहन चालक के बैंक खाते से काट लिया जाएगा।
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साथ ही, हर दिन टोल बूथों से औसत संग्रह से 49 हजार करोड़ रुपये की आय होती है, जिसमें से 98.5 प्रतिशत लोग फास्ट टैग का उपयोग करते हैं। इस व्यवस्था के तहत लगभग हर दिन 170 से 200 करोड़ रुपये का पथकर सरकार की तिजोरी में आता है।
साथ ही, गडकरी ने बीओटी (Built Operate & Transfer) परियोजना के संबंध में भी बात की, जिसमें उन्होंने बताया कि वहन मंत्रालय के मंत्री बनते ही उन्होंने कई परियोजनाएं रद्द की थीं और बैंकों को करीब 3.85 लाख करोड़ रुपये के गैर निष्पादक आस्तियां बचाई थीं।
गडकरी ने बताया कि जब उन्होंने परिवहन मंत्री का पद संभाला था, तब 3 लाख 85 हजार करोड़ रुपये की 406 परियोजनाएं बंद पड़ गई थीं और बैंकों में 3 लाख करोड़ रुपये का N P A (गैर निष्पादक आस्तियां) पड़ा था। उन्होंने बताया कि, बैंकों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों की बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें 20% परियोजनाएं रद्द की गईं। उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्होंने भारतीय बैंकों को 3 लाख करोड़ रुपये के एनपीए से बचाया।
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BOT (“बनाओ, चलाओ और सौंप दो‘ यानी “Built Operate & Transfer”) परियोजना सामान्यतः सार्वजनिक–निजी भागीदारी में उपयोग किया जाने वाला एक मॉडल है। उन्होंने बताया कि बीओटी के लिए उन्होंने एक नई व्यवस्था की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि पुणे से औरंगाबाद (छत्रपति संभाजी नगर) तक एक्सप्रेस हाइवे का निर्माण हो रहा है, जिसे बीओटी के माध्यम से तैयार किया जाएगा। इसके लिए वर्तमान रास्तों में आने वाले चार पथकर बीओटी परिचालक को दिया जाएगा, जो इसके लिए अपने पास से धन राशि लगाकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल बीओटी परियोजना के तहत कोई समस्या नहीं है।
रोड इंफ्रा को बेहतर करने पर काम
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने बताया कि धार्मिक पर्यटन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को अच्छी सड़कें मिलें, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बुद्ध सर्किट को बनाने के लिए 22 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए और इसमें फोर लेन से जोड़ा गया। अयोध्या सर्किट को बनाने के लिए भी 30 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए।
उन्होंने बताया कि सिख धर्म में पांच तख्त हैं, जिनमें से तीन पंजाब में, एक बिहार में और एक महाराष्ट्र के नांदेड़ में हैं। इन सभी पांच तख्तों को चार लेन से जोड़ा गया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने बताया कि चार धाम का काम अभी आधा ही हुआ है, लेकिन बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। इससे 49 प्रतिशत व्यय रोजगार सृजन के लिए होता है।
हेमकुंड साहिब तक पहुंचने के बारे में गडकरी ने कहा कि वहां रोप वे बनाया जा रहा है, जो हिमाचल प्रदेश में सड़क बनाना के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
रोड टोल tax 2024 के बारे में अधिक जानकारी के लिए भारत सरकार के https://morth.nic.in/toll इस आधिकारिक वेबसाइट पर भेंट दे सकते हैं।