EV कंपनी स्नैप–ई कैब्स (Snap-E Cabs) ने प्री–सीरीज ए राउंड में 2.5 मिलियन डॉलर का निवेश प्राप्त किया है। इस निवेश से Snap-E Cabs कंपनी अपने विस्तार और उनके उत्कृष्ट सेवा को बेहतर बनाने के लिए अधिक संसाधन प्राप्त कर सकते हैं। यह भविष्य में कंपनी के व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
Snap-E Cabs के बारे में:
कोलकाता स्थितEV स्टार्टअप कंपनी स्नैप–ई कैब्स (Snap-E Cabs) ने इन्फ्लेक्शन प्वाइंट वेंचर्स के नेतृत्व में प्री–सीरीज ए राउंड में 2.5 मिलियन डॉलर की उच्च कोटि के start-up funding जुटाई है। यह निवेश उनके विकास, तकनीकी अपग्रेडेशन, और अतिरिक्त भौगोलिक क्षेत्रों में कंपनी का विस्तार करने की योजनाओं का समर्थन करेगा।
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स्नैप–ई कैब्स (Snap-E Cabs) इस पैसे का उपयोग कंपनी की प्रतिभा बढ़ने के लिए करेगा। साथ ही कंपनी की सेवाओं को और बेहतर बनाने में इससे मदद करेगा। यह निवेश (Snap-E Cabs) कंपनी के उद्दीष्ट को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण कदम है और उन्हें उनके व्यापार को आगे बढ़ाने का एक और मौका प्रदान करेगा।
Snap-E Cabs का काम:
स्नैप–ई कैब्स (Snap-E Cabs), जो अब कोलकाता में 600 ईवी के साथ काम कर रहे हैं। कंपनी अपने गाड़ियों के व्यापार के बेड़े का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। और वित्त वर्ष 2024 के अंत तक 300 से 400 ईवी जोड़कर इसे मजबूत करना चाहते हैं।
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इसके बाद, वित्त वर्ष 2025 के लिए, कंपनी ने 1,500 से 2,000 ईवी जोड़कर अपनी सेवाओं का विस्तार करने का लक्ष्य रखा है। और Snap-E Cabs कंपनी ने 2-3 और शहरों में पहुँच बढ़ाने की योजना बनाई है।
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स्नैप–ई कैब्स (Snap-E Cabs) के संस्थापक और सीईओ मयंक बिंदल (Mayank Bindal) ने इस परिवर्तन को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा कि भारत का इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicle) में परिवर्तन वैश्विक तेल (crude oil) बाजारों को ही नहीं प्रभावित करता है, बल्कि यह देश को विश्व के ईवी बाजार में महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाता है। और ऑटो सेक्टर के विशेषज्ञ ऐसा मानते है की यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सतत विकास की दिशा में भारत को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
शून्य–उत्सर्ज (Net zero emissions):
हाल ही में, ईवी बेड़े ऑपरेटर ने भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (Airports Authority of India) (AAI) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके अनुसार वे देश भर के किसी भी हवाई अड्डे पर परिचालन शुरू कर सकते हैं। इन्फ्लेक्शन प्वाइंट वेंचर्स के प्रबंध निदेशक राहुल वाघ (Rahul Wagh) ने इस महत्वपूर्ण कदम को संज्ञान में लेते हुए कहा कि कार्बोनाइजिंग परिवहन पर वैश्विक फोकस तेज हो गया है।
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सरकारें शून्य–उत्सर्जन (Net zero emissions) ईवी के पक्ष में आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) को समाप्त करने की नीतियों को बढ़ावा दे रही हैं। भारत सरकार (Government of India) भी ई–मोबिलिटी के लिए माहौल को अनुकूल बनाने के लिए कदम उठा रही है।
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इसके साथ ही, इन्फ्लेक्शन प्वॉइंट वेंचर्स ने अब तक 200 से अधिक सौदों में 650 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है, जो कि उनकी प्रगति को दर्शाता है।
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