Electric Vehicle New Policy: ऑटो बाजार में बड़ी कंपनियां जैसे कि मारुति सुजुकी, हुंदै, महिंद्रा एंड महिंद्रा, और टाटा मोटर्स ने नए इलेक्ट्रिक गाड़ियों के (EV) मॉडल्स लाने की तैयारी में हैं। इसका ख़ास वजह है ऑटो बाजार में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग में बढौतरी और पर्यावरण के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए नई तकनीकों और प्रोडक्शन को पेश करने की आवश्यकता। (New Electric Vehicle Policy)
New Electric Vehicle Policy: इन कंपनियों ने सबसे नए इलेक्ट्रिक गाड़ियों का विकास करने के लिए कई नई तकनीकी और डिज़ाइन के ऑप्शन्स के बारे में पढाई की है। इससे न केवल वे लोकल बाजार में मजबूती से स्टेबल हो सकते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय ऑटो बाजार में भी मज़बूती से टक्कर ले सकते हैं। (New Electric Vehicle Policy)
इस नए दौर में, गाड़ियों के निर्माताओं का लक्ष्य, नए लोकल और ग्लोबल ऑटो बाजारों में विस्तार करने के लिए भी है। इससे वे अपने व्यापार को ग्लोबल लेवल पर बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
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New Electric Vehicle Policy: भारतीय सरकार ने पर्यावरण अनुकूल यातायात को बढ़ावा देने के लिए, इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई नई पॉलिसियों और स्कीमों की शुरुआत की है। इसका मुख्य उद्देश्य है प्रदूषण को कम करने, ऊर्जा स्वतंत्रता बढ़ाने और नयी नयी तकनीक के साथ भारतीय वाहन उद्योग को बढ़ावा देने का। (New Electric Vehicle Policy)
इस परिस्थिति में, बड़ी वाहन निर्माताओं ने इस अवसर को समझते हुए नए और मजबूत इलेक्ट्रिक गाड़ियों के मॉडलों का विकास करने का फैसला किया है। मारुति सुजुकी, हुंदै, महिंद्रा एंड महिंद्रा, और टाटा मोटर्स जैसी बड़ी बड़ी कंपनियां अपने बड़े स्तर की खोज और विकास टीमों के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नवीनतम तकनीक और डिज़ाइन ऑप्शन्स को खोजकर उसे विकसित कर रही हैं।
यह उपाय पर्यावरण के प्रति हमारे जिम्मेदारी का एक प्रमुख उदाहरण है, जो अब न केवल स्वदेशी बाजार में बल्कि विदेशी बाजारों में भी मुकाबला करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही, इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल से ऊर्जा संरक्षण और साफ वातावरण की दिशा में भी हमारे देश को एक मजबूत कदम मिलेगा। (New Electric Vehicle Policy)
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M&M लाएगी नयी 5 ईवी
महिंद्रा एंड महिंद्रा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) नलिनीकांत गोलागुंटा जी ने इलेक्ट्रिक वाहनों के नए विकास और इस्तेमाल के मामले में बड़ी योजनाओं की घोषणा की है। उनका फ़ैसला पर्यावरण के बारे में जिम्मेदारी के विचार से लिया गया है, और इससे उनके ग्राहकों की जरूरतों को भी पूरा किया जा सकेगा। (New Electric Vehicle Policy)
नए बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के पेशकश के जरिये, महिंद्रा एंड महिंद्रा अपने ग्राहकों को विविधता और पर्यावरण से मिलती–जुलती ऑप्शन्स का अनुभव कराएगी। इन एसयूवी के माध्यम से, वे इलेक्ट्रिक वाहन खंड में अपनी निर्णायक स्थिति को मजबूत बनाने का लक्ष्य रख रहे हैं।
2027 तक उनके पोर्टफोलियो का 20 से 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक गाड़ियों का होना एक बड़ा ख़ास लक्ष्य है, जो उनकी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में पहल की भूमिका को दिखता है। इससे उनके ग्राहकों को एक स्वच्छ, सुरक्षित, और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार गाड़ी चुनने का मौका मिलेगा। (New Electric Vehicle Policy)
मारुति सुजुकी की तैयारी
मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) के कार्यकारी अधिकारी राहुल भारती जी के बयान से साफ़ होता है कि वे भारी निवेश के साथ बिजली से चलनेवाले गाडियों के बाजार में काम कर रहा हैं। इसके साथ ही, उनकी योजना इस दिशा में काम कर रही है कि वे नयी तकनीक के साथ ईवी (Electric Vehicle) सेगमेंट में विकसित और उत्पादनशील गाड़ियों को लॉन्च करें। (New Electric Vehicle Policy)
उनकी योजना में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 550 किमी की रेंज वाले ईवी गाड़ी के नए सिरे का प्रोडक्शन शामिल है। यह उनकी बढ़ती हुई जोशीली दृष्टि को दर्शाता है, कि वे ग्राहकों को उनकी जरूरतों के हिसाब से एक बेहतर और रिमोट ऑप्शन देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
आगामी सात–आठ सालों में MSI की स्कीम में छह अलग–अलग इलेक्ट्रिक गाड़ियों को शामिल किया जाएगा। यह वाहनों की विविधता के साथ–साथ इलेक्ट्रिक गाड़ियों के भाग में MSI की प्रतिस्पर्धा को भी मजबूत करेगा। (New Electric Vehicle Policy)
राहुल भारती जी के बयान से स्पष्ट होता है कि भारत में कार्बन और कच्चे तेल के आयात में कटौती करने के लिए विभिन्न टेक्नोलॉजी की ज़रूरत है। उन्होंने बताया कि हाइब्रिड–इलेक्ट्रिक, सीएनजी (CNG), बायो–सीएनजी, और एथनॉल फ्लेक्स ईंधन जैसी तकनीकों के प्रयोग से इस आयात को कम किया जा सकता है। इसके लिए, उन्होंने ऐसी सभी प्रौद्योगिकियों पर काम करने की कमिटमेंट जताई है। (New Electric Vehicle Policy)
इन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल वाहनों के स्थायीकृत कार्बन प्रदूषण को कम करने में एक ख़ास भूमिका निभाता है। हाइब्रिड–इलेक्ट्रिक वाहन इस दिशा में एक मजबूत ऑप्शन हो सकते हैं, जो पेट्रोल या डीजल की इस्तेमाल को कम करते हैं। साथ ही, सीएनजी, बायो–सीएनजी, और एथनॉल फ्लेक्स ईंधन का इस्त्रेमाल करके भी गाड़ियों को चालने में इनकी ऊर्जा संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलती है।
इस तरह की टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से न सिर्फ गाड़ियों की प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी, बल्कि देश की ऊर्जा स्वतंत्रता में भी सुधार आएगा। इससे भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को भी नए और स्थायी ऊर्जा संसाधनों की दिशा में आगे जाने का अवसर मिलेगा।(New Electric Vehicle Policy)
Hyundai Motor India के COO तरुण गर्ग जी के बयान से स्पष्ट होता है कि कंपनी ने भारतीय ऑटो बाजार में ईवी सेगमेंट में अपनी पहचान बना ली है और इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह इसके साथ ही वाहन उत्पादन के नवीनतम तकनीकी सुधार के लिए भी तैयार हैं। (New Electric Vehicle Policy)
गर्ग जी ने इसके साथ ही आनेवाले दशक में भारतीय ईवी बाजार में Hyundai के हिस्से को 20% के करीब बढ़ाने की उम्मीद जताई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बिजली से चलनेवाली गाडियों का बाजार जल्द ही मुख्य धारा में शामिल होगा और Hyundai इस दिशा में ख़ास भूमिका निभा रही है।
कंपनी की योजना में तमिलनाडु में भविष्य में 26,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की बात आई है, जिसमें बैटरी असेंबली कारखाना शुरू करना भी शामिल है। यह निवेश न केवल Hyundai के विकास में मदद करेगा, बल्कि स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा देगा और ईवी गाड़ियों के लिए बैटरी तकनीक में भी ग्रोथ को बढ़ावा देगा। (New Electric Vehicle Policy)
टाटा मोटर्स के लक्ष्य के बारे में जानकारी मिलने के बाद स्पष्ट है कि कंपनी ग्राहकों को बेहतर और स्वच्छ वाहन ऑप्शन देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में गहरी रुचि ले रही है। उनकी योजना में बिजली से चलनेवाली मॉडल की संख्या को 2026 तक 10 तक बढ़ाने का लक्ष्य है, जिसमें कर्व ईवी और हैरियर ईवी सहित चार नए ईवी मॉडल शामिल होंगे। इससे उनकी मुकाबले की ताकत में बढौतरी होगी और वह ईवी सेगमेंट में अपनी प्रोडक्शन को बढ़ा सकेगी।
इसी प्रकार, लक्जरी वाहन कंपनियां भी ईवी सेगमेंट में रुचि दिखा रही हैं। मर्सिडीज–बेंज इंडिया के नवे प्लान्स के तहत, वे 2024 में 12 नए मॉडल्स को बाजार में उतारने की तैय्यारी कर रहे हैं, जिनमें से तीन नए बैटरी इलेक्ट्रिक गाड़ियां (BEV) शामिल होंगी। इससे उनकी ग्राहकों को गहरी और स्वच्छ ऑप्शन्स का तजुर्बा होगा। (New Electric Vehicle Policy)
इन परीस्थितियों में, ऑटो बाजार दिखा रहा है कि वह सुसंगत और इको फ्रेंडली तकनीकों की ओर अग्रसर है, जो की आने वाले दिनों में भारतीय ऑटो बाजार के लिए एक पॉजिटिव कदम हो सकता है।
इस विषय में अधिक जानकारी के लिए आप https://e-amrit.niti.gov.in/home इस ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर भी जानकारी ले सकते हैं।