FASTag: अगर आपने अपनी गाड़ी बदली है तो क्या पुराने FASTag को नयी गाडी पर इस्तेमाल किया जा सकता है? इसका जवाब है ‘नहीं’। फास्टैग आपके गाडी के रजिस्ट्रेशन नंबर यानी (RC) से लिंक होता है, इसलिए इसे नए व्हीकल पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
अगर आप नई गाड़ी लेते हैं, तो पुराने फास्टैग को डिएक्टिवेट कराना जरूरी है, ताकि आपका ज्यादा पैसा न कटे। इसके बाद, आपको नयी गाडी के लिए नया फास्टैग खरीदना होगा। इसे अपने बैंक या पेटीएम, Google Pay जैसी फास्टैग सेवा देने वाली कंपनियों से प्राप्त कर सकते हैं। पुराने फास्टैग का बैलेंस रिफंड भी लिया जा सकता है।
Table of Contents

क्या नई गाड़ी पर पुराने FASTag का इस्तेमाल किया जा सकता है? जानें नियम
साल 2014 से देश में फास्टैग (FASTag) की सर्विस चालू हुई थी, जिसे टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए लाया गया था। हालांकि, इसके बावजूद कई जगहों पर टोल प्लाजा पर लंबी लाइनें देखी गईं। ऐसे में सरकार ने 17 फरवरी 2024 से नए नियम लागू किए हैं, जिससे यह समस्या काफी हद तक खत्म होने की उम्मीद है।
यह भी पढ़ें: ZEVO देगा ग्रीन रैपिड सर्विस; मिलेगी सिर्फ 30 मिनट और 2 घंटे की डिलिवरी सर्विस
फास्टैग को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। उनमें से एक अहम सवाल यह है कि अगर किसी व्यक्ति ने अपनी पुरानी गाड़ी बेच दी और नई गाड़ी खरीद ली, तो क्या पुराने फास्टैग को नए वाहन में ट्रांसफर किया जा सकता है? इसका जवाब है नहीं। दरअसल, फास्टैग सीधे आपकी गाडी के रजिस्ट्रेशन नंबर (RC) से लिंक होता है, इसलिए इसे किसी दूसरे गाडी पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

अगर आपने नई गाड़ी खरीदी है, तो आपको पुराने फास्टैग को डिएक्टिवेट कराना जरूरी है। यह प्रक्रिया संबंधित बैंक या फास्टैग सेवा प्रदाता (Paytm, Google Pay आदि) के जरिये की जा सकती है। पुराने फास्टैग का बैलेंस रिफंड भी लिया जा सकता है। नई गाड़ी के लिए आपको एक नया फास्टैग खरीदना होगा और उसे अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा, ताकि टोल भुगतान में कोई समस्या न हो।
नयी गाडी और पुराना FASTag?
अगर आपने अपनी पुरानी गाड़ी बेचकर नई गाड़ी खरीदी है और सोच रहे हैं कि पुराने FASTag को नए गाडी में इस्तेमाल कर लेंगे, तो ऐसा संभव नहीं है। NPCI के नियमों के मुताबिक, FASTag एक वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर (RC) से जुड़ा होता है, इसलिए इसे किसी दूसरी गाड़ी पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
जब कोई ग्राहक FASTag इश्यू कराता है, तो उसे अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर देना होता है। हर वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर यूनिक होता है, और नई गाड़ी का नंबर बदल जाता है। ऐसे में पुराने FASTag को हटाकर नई गाड़ी में लगाने से कोई फायदा नहीं होगा।
अगर आपने नई गाड़ी ली है, तो आपको पुराने FASTag को डिएक्टिवेट कराना होगा, ताकि उसमें मौजूद बैलेंस का रिफंड मिल सके। इसके बाद आपको अपनी नई गाड़ी के लिए एक नया फास्टैग खरीदना होगा। नया फास्टैग बैंक, पेटीएम, Google Pay या अन्य फास्टैग सेवा प्रदाताओं से लिया जा सकता है। नियमों का पालन न करने पर दोगुना टोल शुल्क देना पड़ सकता है, इसलिए सही तरिका अपनाना जरूरी है।
क्या FASTag को 5 साल बाद रिन्यू कराना जरूरी है?
(NHAI ) की वेबसाइट के मुताबिक, FASTag खरीदने के दिन से 5 साल तक वैलिड रहता है। इसका मतलब यह है कि इस वक़्त के दौरान आप बिना किसी रुकावट के इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, 5 साल पूरे होने के बाद फास्टैग को रिन्यू कराने की जरूरत नहीं होती। आपको बस यह तय करना होता है कि आपके वॉलेट या बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस मौजूद हो, ताकि टोल भुगतान में कोई दिक्कत न आए।
फास्टैग को लेकर NPCI का नया नियम 17 फरवरी से लागू
NPCI ने FASTag को लेकर नया नियम 17 फरवरी 2025 से लागू कर दिया है। हालांकि, इसका नोटिफिकेशन 28 जनवरी 2025 को जारी किया गया था। नए नियम के तहत, अगर फास्टैग टोल प्लाजा पर स्कैन होने से 60 मिनट पहले या स्कैन होने के 10 मिनट बाद तक ब्लैकलिस्ट में रहता है, तो पेमेंट नहीं होगा। इसका मतलब है कि अगर आपका फास्टैग ब्लैकलिस्टेड है, तो वक़्त रहते इसे रिचार्ज या एक्टिवेट कराना जरूरी होगा। यह रूल फास्टैग के मिसयूज को रोकने और टोल भुगतान प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए लागू किया गया है।
अगर आप 2025 में FASTag में हुए बदलाव के इस नियम के बारे में पूरी जानकारी लेना चाहतें हैं तो आप https://morth.nic.in/nhai-0 इस ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर जानकारी ले सकते हैं।